हनुमान चालीसा, प्रभु राम के परं भक्त पवनपुत्र हनुमानजी की स्तुति की अमर रचना है, जो की रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित है। इसकी सुंदरता और महिमा का यह आलम है की यह दुनिया भर में नित्य गाई जाती है, और करोड़ों भक्तों को कंठस्थ भी है। हनुमानजी एक समग्र व्यक्तित्व के धनी हैं, अतः वे प्रत्येक मनुष्य के लिए सबसे सुन्दर श्रद्धा के पात्र हैं। हम सब के कोई न कोई श्रद्धेय होते हैं, और जैसे हमारे श्रद्धेय होते हैं हम खुद भी वैसे ही बनते हैं। अतः अगर हम अपने परिवार, समाज, देश और दुनिया का भला चाहते हैं तो उनके अंदर हनुमानजी के प्रति श्रद्धा और भक्ति उन्पन्न करनी चाहिए। इसके लिए हनुमान चालीसा के अर्थ के ज्ञान सहित नित्य पाठ करना सबसे सुन्दर और सरल तरीका होता है। इसीलिए परम पूज्य गुरूजी श्री स्वामी आत्मानंदजी ने यह उपक्रम प्रारम्भ किया है।
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