Spreading ‘ Love & Light’ by revealing the basic oneness of all
5th to 11th Jan
वड़ोदरा के सुभानपुर विस्तार में स्थित आत्मा-ज्योति आश्रम में पू. स्वामिनी अमितानंदजी के गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन दि. ५ से ११ जनवरी तक किया गया। इस यज्ञ में पू. स्वामिनीजी ने सायं के सत्र में गीता के १० वें अध्याय विभूति योग पर तथा प्रात: के सत्र में कठोपनिषद के दूसरे अध्याय की तीसरी वल्ली पर प्रवचन किएं। पूर्व ६ सत्रों से चल रहे इस उपनिषद् का इसके साथ ही समापन हुआ।
यज्ञ का श्रीगणेश आत्म-ज्योति आश्रम के ट्रस्टी श्री नारायण भाई तथा सु श्री इंदिरा बेन शाह के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा व्यासपीठ की पूजा से हुआ। यज्ञ के एक दिन पूज्य स्वामिनीजी ने आत्म-ज्योति आश्रम द्वारा संचालित योगासन की कक्षा के ८० साधकों के लिए प्रवचन किया। इस सत्र में पूज्य स्वामिनीजी ने अष्टांग योग का परिचय प्रदान कर के उसके महत्वपूर्ण अंग 'ईश्वर प्रणिधान' सूत्र पर चर्चा की।
गीता के १० वे अध्याय में भगवान ने अपनी सुन्दर विभूतियों का वर्णन करते हुए व्यक्त को देखकर अव्यक्त की awareness, जगत को देखते हुए जगदीश्वर की महिमा की awarness जगाने का सन्देश दिया।
कठोपनिषद में यमराज ने नचिकेता को मृत्यु का रहस्य बताते हुए जन्म मृत्यु से परे स्थित परमात्मा को अपनी अंतरात्मा की तरह reveal किया।