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6th to 13th Jan
वेदांत मिशन, लखनऊ के द्वारा 6 से 13 जनवर तक लखनऊ के 'हरि ॐ मंदिर' में पूज्य स्वामिनी समतानंदजी का गीता ज्ञान यज्ञ आयोजित हुआ। इस ज्ञान यज्ञ में पूज्य स्वामिनीजी ने सायंकालीन सत्र में गीताजी के 5वें अध्याय पर और प्रातःकालीन सत्र में दृग दृश्य विवेक पर प्रवचन किये।
'कर्म संन्यास योग' नामक गीताजी के पाँचवे अध्याय में भगवान श्री कृष्ण इस रहस्य को उद्घाटित करते हैं कि यद्यपि संन्यस्त होकर मुक्त हो जाना मनुष्य का परम लक्ष्य है लेकिन कर्म योग को जीवन में पूरी समग्रता से धारण करने से ही संन्यास का मार्ग प्रशस्त होता है।
'दृग दृश्य विवेक' वेदान्त के इस सुंदर प्रकरण ग्रंथ में दृष्टा और दृश्य का विवेक कराके अपने ब्रह्म स्वरूप में जगने तक की पूरी यात्रा और प्रक्रिया बताते हैं।
अत्यंत तीव्र शीत लहर के बावजूद अनेकों भक्तों ने अपने घर के cozy वातावरण से बाहर निकलकर इन दोनों विषयों का लाभ लिया। ज्ञान यज्ञ का समापन हरि ॐ मंदिर द्वारा आयोजित भंडारे से हुआ।
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