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Vedanta Shravana Satr
by P. Guruji Swami Atmanandaji Saraswati @ Vedanta Ashram
आश्रम में 'शंकरदूत प्रशिक्षण कार्यक्रम'
शंकरदूत प्रशिक्षण
वेदान्त आश्रम, इंदौर में दिनांक २६ मई २०२४ को 'अद्वैत क्लब', इंदौर के 'शङ्करदूत' नामक सदस्यों के लिए एक दिवसीय 'वेदान्त श्रवण सत्र' का अत्यंत संतोषजनक आयोजन हुआ। ये सभी सदस्यगण भगवान् श्री आदि शंकराचार्य जी के व्यक्तित्व एवं ज्ञान से अत्यन्त प्रभावित हैं, अतः भगवद गीता पर लिखी गयी शाङ्कर भाष्य की भूमिका खंड को जानने के लिए श्रद्धा और उत्साह से आश्रम में उपस्थित हुए। यह कार्यक्रम प्रातः ८.३० बजे से प्रारम्भ होकर सायंकाल ६.३० बजे तक चला।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम पू स्वामिनी अमितानन्द जी ने सबका स्वागत किया और भगवान् शंकराचार्यजी की आरती के बाद 'गीता ध्यान श्लोक' के कुछ श्लोकों का पाठ सबको सिखाया।
९.३० बजे पू गुरूजी श्री स्वामी आत्मानन्द जी का प्रवचन प्रारम्भ हुआ। प्रारम्भ में कुछ शकरदूतों ने व्यासपीठ की पूजा करी। प्रवचन का विषय भगवद गीता पर लिखी गयी शाङ्कर भाष्य के उपोद्घात का एक प्रारंभिक खंड था। सभी श्रोताओं ने पूरी श्रद्धा और एकाग्रता से विषय का श्रवण किया। दो घंटे के इस सत्र के बाद सबने भोजन ग्रहण किया और कुछ समय विश्राम किया।
भोजनान्तर सत्र का प्रारम्भ भगवद गीता के पन्द्रवें अध्याय के श्लोकों के पाठ की कक्षा से हुआ - इसे पू स्वामिनी समतानन्द जी ने संचालित किया। सभी आश्रमों में भोजन के पहले इस अध्याय का पाठ होता है अतः इसे सबसे पहले सिखाया जाता है। इसके बाद कुछ जल-पान के बाद पू.गुरूजी का दूसरा प्रवचन हुआ। उन्होंने भाष्य के विषय को आगे बढ़ाया, और धर्म के विशिष्ट प्रयोजनों के चर्चा तक विषय को ले कर गए। प्रवचन के बाद प्रश्नोत्तर का सत्र हुआ जिसमें श्रोताओं के कुछ प्रश्नों का समाधान किया गया।
कार्यक्रम का समापन पुनः भगवद्पाद भगवान् शंकराचार्य जी की आरती से हुआ, जिनका एक अत्यंत सुन्दर और दिव्य विग्रह सत्संग भवन में विराजमान है। भोपाल से पधारे एकात्म-धाम के संचालक श्री मनीष पांडेजी ने पू गुरुदेव को शाल और श्रीफल भेंट कर सबकी तरफ से कृतज्ञता अभिव्यक्त करी और इस कार्यक्रम और संघटन का परिचय दिया।। आगे भी इस तरह के कार्यक्रम करने का निवेदन किया गया।